
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने इंफोसिस के नेक्सटजेन लर्निंग प्लेटफॉर्म द्वारा संचालित इंफोसिस स्प्रिंगबोर्ड कार्यक्रम के माध्यम से डिजिटल और जीवन-कौशल विकास के लिये एक एमओयू पर हस्ताक्षर किये हैं। वहीं इसके माध्यम से एआईसीटीई द्वारा मान्यता प्राप्त संबंधित शैक्षणिक संस्थान इंफोसिस के द्वारा संचालित स्प्रिंगबोर्ड कार्यक्रम के जरिये 12,300 से अधिक पाठ्यक्रमों, जीवन कौशल कार्यक्रम आदि का लाभ उठा सकेंगे। वहीं इस कार्यक्रम को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य संस्थानों की उद्योग गतिविधियों को बढ़ावा देना है, जहाँ वह आवश्यकताओं के अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार करने और पेश करने के लिये स्वयं की माइक्रोसाइट बना सकते हैं। वहीं यह लर्निंग डैशबोर्ड की सीखने की प्रगति को ट्रैक और मॉनिटर करने में मदद करेगा। इसके बाबत जानकारी देते हुये इंफोसिस के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट ने कहा कि इंफोसिस स्प्रिंगबोर्ड छठवीं कक्षा से लेकर आजीवन शिक्षार्थियों के लिये जीवन-कौशल प्रदान करता है, इसका निर्माण 1 करोड़ से अधिक लोंगो को सशक्त बनाने के लिये किया गया है। आगे जानकारी देते हुये उन्होंने बताया कि सन 2025 तक डिजिटल कौशल पाठ्यक्रमों की एक सम्रग कड़ी बनायी जायेगी, जिससे इसे कोर्सेरा और हार्वर्ड बिजनेस जैसा बनाया जा सके। इसके साथ ही इसे बनाने में भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का बेहतर ध्यान रखा गया है। वहीं इसके बाबत बोलते हुये एआईसीटीई के अध्यक्ष अनिल सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि इंफोसिस ने इसे छात्रों के उत्थान और रोजगार में उनकी भूमिका को ध्यान में रखकर तैयार किया है, जिसका मुख्य उद्देश्य हमारे साथ मिलकर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, इंटर्नशिप और उद्योग संस्थान के बीच समन्वय को बढ़ावा देना है।


