
बिना अभिप्रेरणा के व्यक्ति शून्य के समान होता है : डॉ. शकीला अज़ीम


छपरा।


जेपी यूनिवर्सिटी के मनोविज्ञान विभाग में बुधवार को पीएचडी के शोधार्थियों के लिए व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया । इस दौरान बिहार यूनिवर्सिटी के अंतर्गत एम.डी.डी.एम. कॉलेज मुजफ्फरपुर की प्रोफेसर डॉक्टर शकीला अज़ीम द्वारा व्याख्यान दिया गया। व्याख्यान के पूर्व जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कला विभाग के डीन प्रो, डॉ रामध्यान राय, मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉक्टर पूनम सिंह तथा डॉक्टर आशा रानी द्वारा प्रोफेसर डॉक्टर शकीला अजीम को संयुक्त रूप से बुके व मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया । इसके बाद डॉक्टर शकीला अज़ीम ने प्री-पीएचडी कोर्स-वर्क करनेवाले छात्रों को व्याख्यान दिया । व्याख्यान का टॉपिक ‘मानसिक स्वास्थ्य पर प्रेरणा का प्रभाव’ था, जिस पर उन्होंने विस्तृत जानकारी देते हुए मानसिक स्वास्थ्य के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए, उस पर प्रेरणा का पड़ने वाले प्रभाव को बताया। इसके साथ ही प्रेरणा के विभिन्न प्रकारों पर भी विस्तार से चर्चा किया। डॉक्टर शकीला अज़ीम ने कहा कि व्यवहारिक सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक समस्याओं की उत्पत्ति हो जाती है और मनुष्य का जीवन निरर्थक तथा बेमानी हो जाता है।
उन्होंने आगे कहा कि स्वयं को अभिप्रेरित रखने के लिए कई विधियां है जिनका प्रयोग करके व्यक्ति स्वस्थ मानसिक जीवन व्यतीत कर सकता है।
मौके पर डॉ. शकीला अज़ीम
एसोसिएट प्रोफेसर मनोविज्ञान विभाग एम.डी.डी.एम. कॉलेज मुजफ्फरपुर, बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर युनिवर्सिटी, मनोविज्ञान विभाग जे.पी. छपरा की विभागाध्यक्ष डॉक्टर पूनम सिंह, डॉक्टर आशा रानी, कला विभाग के डीन डॉक्टर रामध्यान सर, शोधार्थियों में ब्रजभूषण यादव, फिरोज अंसारी, प्रकाश पाण्डेय, रत्ना, अंजली कुमारी, मनोरंजन पाठक, आकाश कुमार, तबस्सुम, प्रियंका सब्बा,लुबना, अपर्णा पाठक पूजा कुमारी,स्वाति प्रिया,लक्ष्मण कुमार सिंह, विजय कुमार सहित सभी शोधार्थी मौजूद थे।
