Wednesday, October 4, 2023
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सारण में पहली बार गैस इंसूलेटेड (GIS) विद्युत सब स्टेशन की स्थापना



 फलीभूत हुआ सांसद रुडी का प्रयास, मार्च से सारणवासियों को मिलेगा लाभ
 ब्रह्मपुर में जिला परिषद की भूमि पर हुआ निर्माण, लागत साढ़े ग्यारह करोड़ रुपये
 बरसात और बाढ़ के समय भी होगी निर्बाध विद्युत आपूर्ति छपरा के उपभोक्ताओं को होगा लाभ
 छपरा पश्चिमी, राजेन्द्र सरोवर और रिविलगंज का पूर्वी भाग जुड़ेगा जीआइएस से
छपरा, 10 फरवरी, सारण की जनता को स्थानीय सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रुडी के प्रयास से एक और विकास योजना का तोहफा प्राप्त हुआ है। जिला में पहली बार गैस इंसुलेटेड सिस्टम (GIS) विद्युत सब स्टेशन बनाया जा रहा है। इसके निर्माण से सारणवासियों की सुविधा काफी बढ़ जाएगी। सांसद द्वारा सारण के बिजली उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा देने का यह निर्णय दिशा की बैठक में लिया गया था जो आज उनके प्रयास से फलीभूत हो रहा है। जीआइएस सिस्टम से सब स्टेशन का निर्माण लगभग पूरा हो गया है। यह ब्रह्मपुर-रिविलगंज पथ पर जिला परिषद की भूमि में स्थापित किया गया है।
इस संदर्भ में पूर्व केंद्रीय मंत्री रुडी ने बताया कि बिहार में 180 मेगावाट बिजली की खपत के साथ सारण जिला आगे है। जिला को गुणत्तापूर्ण निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए यहां लगभग साढ़े ग्यारह करोड़ की लागत से गैस इंसुलेटेड सब स्टेशन नई तकनीक पर बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके निर्माण से छपरा शहर के पश्चिमी भाग में विद्युत की खपत अधिक होने सेे फिडर पर दबाव बढ़ जाता था जिससे विद्युत आपूर्ति प्रभावित होती थी, उससे निजात मिलेगा और निर्बाध आपूर्ति होगी। इससे रिविलगंज में भी पूर्वी भाग के उपभोक्ताओं को सुविधा होगी क्योंकि पहले जहां गर्मी के दिनों में इनई या कोपा फिडर से मांग बढ़ने पर आपूर्ति बाधित होती थी अब इससे जुड़ने के बाद निर्बाध आपूर्ति की जा सकेगी। विदित हो कि दिशा की बैठक में इस विषय पर विस्तृत चर्चा करने के बाद सांसद ने इसकी स्थापना की पहल की थी और मार्च से इसका लाभ सारणवासियों को मिलने लगेगा। जिला परिषद की इस भूमि पर पहले जहां-तहां कूड़े-कचरे का अंबार और बेतरतीब ढंग से पसरी हुई गंदगी थी वहीं अब इसके निर्माण से इस स्थान का न केवल कायाकल्प हुआ है बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन भी होगा।
रुडी ने बताया कि वर्तमान में छपरा में विद्युत की आपूर्ति के लिए सभी पीएसएस की निर्भरता तेलपा ग्रीड पर है और वहीं से विद्युत का प्रवाह होता है। इसके कारण किसी भी तकनीकी खामी से आपूर्ति बाधित होती है तो छपरा में बिजली की समस्या उत्पन्न हो जाती है। उन्होंने कहा कि बरसात के समय जब तेलपा ग्रीड में जलजमाव हुआ था, तब छपरा की विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई थी जिससे नागरिकों को काफी परेशानी उठानी पड़ी थी। परन्तु जीआइएस की स्थापना के बाद इसे एकमा ग्रीड से जोड़ा गया है। इस कनेक्टिविटी का लाभ छपरा के उपभोक्ताओं को मिलेगा, तेलपा ग्रीड पर निर्भरता समाप्त होगी और छपरा को विपरित परिस्थितियों में भी निर्बाध विद्युत आपूर्ति की जायेगी।

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