
समस्या जो हैं नही उसका समाधान करने आया हूँ,
मैं नीतीश कुमार हूँ
,विकास करने आया हूँ,
शराबबंदी की हैं मैंने ये गर्व से बतलाता हूँ,
पहले लेने जानी पड़ती थी ,
अब होम डिलीवरी हैं ये कहने में शर्माता हूँ,,
नल जल का बखान मैं हर सभा मे करवाता हूँ,
कल तक पक्की थी जो सड़के उनको गढ्ढो में बदलवाता हूँ,,
बीच चौराहे पे शिक्षक पात्रता उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को पिटवाता हूँ,
पूछने पर कब कहाँ ये कह के मुकर जाता हूँ,
आया हूँ मैं आज रहवास सारण में,चंद मिनटों दूर हैं उनका आशियाना जो गुजर गए इस शराब बंदी को बरगलाने में ,
जल गई सैकड़ो लाशें मेरा दामन शराबबंदी का दाग बचाने में
लेकिन उधर जाने से कतराता हूँ,मैं लज्जाहींन ,संवेदनाहीन हूँ यही
दिखाता हूँ ,क्योंकि मैं नही गया था गंडामन भी क्योंकि दोष उन नौनिहालों का ही था जहर वाला खाना खाने में,,मैं नीतीश कुमार हूँ ,समाधान करने आया हूँ,,


