
आज डीएवी पब्लिक स्कूल छपरा में संस्कृत विभाग जयप्रकाश विश्वविद्यालय,छपरा तथा लोक भाषा प्रचार समिति के संयुक्त तत्वावधान में 10 दिवसीय संस्कृत सम्भाषणशिक्षक प्रशिक्षण वर्ग का उद्घाटन विश्वप्रसिद्ध संस्कृत परिवारों में एक रहे पण्डितकपिल देव शर्मा की पुत्रवधू और स्वर्गीय कात्यायनप्रमोद शास्त्री की धर्मपत्नी श्रीमती हिमांशु बाला शर्मा ने किया.उन्होंने गणेश जी का स्मरण करते हुए कहा कि संस्कृत थोड़ी सी सावधानी से आसानी से सीखी जा सकती है.अपनीअमृतवाणी से आए शिक्षार्थियों और श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया .इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि श्री शैलेंद्र वर्मा ने कहा -जीवन, समय और धन. को सफल बनाने के लिए संस्कृत सेवा आवश्यक है .
|इस अवसर पर प्रो हरिश्चंद्र ने अपने विचार रखे ..कुलपति प्रोफ़ेसर फारूक अली ने कहा कि संस्कृत के श्लोक ने मेरे जीवन को बदल दिया अयं निज: परो वेति गणना लघु चेतसाम्।उदारचरितानांतु वसुधैव कुटुम्बकम्।। इस श्लोक ने मेरी जिंदगी की सोच बदल दी.मैं संस्कृत को संस्कार और संस्कृति की भाषा के साथ साथ फारसी आदि भाषाओं के साथ किसी कड़ी से जुड़ी हुई मानता हूं..विधायक डॉक्टर सी एन गुप्ता ने कहां की संस्कृत सभी भाषाओं की माता है यह राष्ट्रीय स्वाभिमान की भाषा है .स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव पर जब स्वतंत्रता सेनानियों का नाम लिया जाता है तो संस्कृत की भूमिका महान दिखाई पड़ती है अतः भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए संस्कृत आवश्यक है। कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक मंत्रों के साथ दीप प्रज्वलन सरस्वती पूजन पूर्वक हुआ सभी अतिथियों को पुष्पमाला देकर सम्मानित किया गया विशेषकर हिमांशु बाला शर्मा जी को शॉल देकर सम्मानित और पूजित किया गया। सुरेश चौबे, एन के चौबे .विश्वनाथ शर्मा अरुण पुरोहित एसके झा संदीप उपाध्याय विकास झा आदि डीएवी कर्मी तथा पश्चिम बंगाल बिहार और उत्तर प्रदेश से आए शिक्षार्थी सम्मिलित हुए कार्यक्रम का संचालन मनीष कुमार गोस्वामी तथा प्रोफेसर वैद्यनाथ मिश्र ने किया धन्यवाद ज्ञापन सुश्री स्नेह लता ने किया कुमारी अनुषा ने स्वागत गान तथा विद्यासागर ने संस्कृत गान किया कार्यक्रम में सोमनाथ,डा अभिषेक कुमार अरुणाभ, डॉ कृष्ण कुमार मिश्र, रघुनाथ प्रसाद डॉक्टर संजीव कुमार डॉ विजेंद्र पांडे डॉक्टर टुनटुन प्रसाद यादव आदि उपस्थित थे


