Monday, May 29, 2023
HomeUncategorizedमांझी प्रखण्ड के सबदरा में हिन्दू जागरण मंच ने मनाया संत शिरोमणि...

मांझी प्रखण्ड के सबदरा में हिन्दू जागरण मंच ने मनाया संत शिरोमणि रविदास जी का जयंती


रविदास जी का राजनैतिक उपयोग करने वाले इनकी जीवनी न तो जानते हैं, न बताते हैं केवल गुमराह करते हैं….
अभिषेक सिंह ने कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि।

रविदास जी ने क्या लिखा है “रैदास रामायण” में….
वेद धर्म सबसे बड़ा,अनुपम सच्चा ज्ञान
फिर क्यों छोड़ इसे,पढ लूं झूठ क़ुरान
वेद धर्म छोडूं नहीं,कोशिश करो हज़ार
तिल तिल काटो चाहे,गला काटो कटार
::”रैदास रामायण”
1398 माघ पूर्णिमा के दिन काशी के संतोख दास व कर्मा देवी के घर पर संत रैदास जी महाराज ने जन्म लिया
गुरू स्वामी रामानंद के शिष्य व कबीर जी के गुरूभाई संत रैदास धर्मांतरण विरोधी संतों के प्रारम्भिक अग्रणी व प्रखर हिंदु रहे हैं
उस समय भारत पर सिकंदर लोदी ने आक्रमण किया था,धर्मांतरण,तीर्थ जजिया,शवदाह जजिया जैसे करों व कष्टों से हिंदु समाज भयंकर रूप से त्रस्त था
तब संत रामानंद जी महाराज ने विभिन्न जातियों के 12 संतों को लेकर द्वादश भगवत शिष्य मंडली बनाई
यह मंडली हिंदू समाज में जातीय एकता व सामाजिक समरसता का काम करते हुए धर्मांतरण के षड़यंत्रों का भारी विरोध करने की अलख समाज के प्रत्येक वर्ग में जगाने का कार्य करती थी
सिकंदर लोदी ने बौखलाकर इस अग्रणी मंडली के समवैचारिक लोगों को चमड़े का काम करने के लिए बाध्य किया व चर्मकार कहके अछूत की संज्ञा देने का प्रयास किया परंतु इस पूज्य मंडली ने फिर भी धर्म नहीं बदला
दुर्भाग्यवश इस प्रकार के षड़यंत्रों का हमारे हिंदु समाज पर आंशिक प्रभाव भी पड़ा
लेकिन तत्कालीन धर्मपरायण हिंदु शासकों ने इस संत मंडली को शिरोधार्य किया
जिसमें चित्तोड की महारानी भक्तिमति मीरां बाई जैसे नाम है,जिन्होंनें संत रैदास जी महाराज को गुरू बनाया था
धर्मांतरण के विरोध में इन्होंने उस समय बडे जोर शोर से घर वापसी करवाई
इनको इस्लाम का ज्ञान देने आए सदन कसाई ने स्वयं सनातन का वैष्णव पंथ स्वीकार कर लिया था
महान रैदास जी के 40 दोहे श्री गुरुग्रंथ साहिब में शामिल हैं।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments