


जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा के इतिहास विभाग द्वारा विशिष्ट व्याख्यान माला की चतुर्थ कड़ी ‘भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष में गुप्त समितियों की भूमिका’ नामक शीर्षक पर ऑनलाइन व्याख्यानआयोजित किया गया । इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सैयद रज़ा ने व्याख्यान माला में जुड़े सभी विद्वतजनों का हार्दिक स्वागत किया और ऐसे ज्ञानवर्धक कार्यक्रम के आयोजन को लेकर कार्यक्रम के संयोजक विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. रितेश्वरनाथ तिवारी को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम के संयोजक डॉक्टर तिवारी ने मुख्य वक्ता व प्रमुख विद्वतजनों का परिचय कराते हुए विषय प्रवेश कराया। वहीं इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के टैगोर स्कॉलर मीनल कंठ ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भारतवर्ष तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चलाए जा रहे विभिन्न आंदोलनों में गुप्त समितियों के माध्यम से किए गए गतिविधियों और क्रांतिकारियों के बलिदानों तथा समय-समय पर विभिन्न स्वरूपों में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में दिए गए महत्वपूर्ण योगदानों पर विस्तार से चर्चा की। जब जब राष्ट्रीय आंदोलन में शून्यता के काल खंड आए तब तब देश के युवाओं ने आपने क्रांतिकारी गतिविधियों से राष्ट्रवाद की भावना को जीवंत रखा। इस कार्य हेतु समय समय पर भिन्न भिन्न गुप्त समितियों का उद्भव दिखाई देता है जैसे अनुशीलन समिति,युगांतर दल, फ्री इंडिया सोसाइटी, गदर पार्टी, चंदन नगर दल, आत्मोन्नति समिति, हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन, हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन, बंगाल वैलेंटियर, सियाराम दल तथा आजाद दस्ता जैसे कई अन्य गुप्त समितियां भी स्वतंत्रता संग्राम के मुख्य आंदोलनों के समानांतर और अंतराल अवधि में भारतीय राष्ट्रवाद की अलख को जगाए रखा और भारतीयों में राष्ट्र के प्रति अनुशासन और प्रेम की प्रबल इच्छा को नित नई पहचान प्रदान की। इन गुप्त समितियों में कई महिला क्रांतिकारियों के योगदान भी स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं। कार्यक्रम में दिल्ली विश्वविद्यालय से प्रोफेसर जे. एन. सिन्हा ने अपने संचित विचारों में गुप्त समितियों के बिहार विशेषकर छपरा परिक्षेत्र के संदर्भ में उनके योगदान को स्पष्ट किया। इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. सैय्यद रज़ा, वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो. सुधीर कुमार सिंह , प्रो. राजेश कुमार नायक ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में गुप्त समितियों के योगदान पर अपने खुले विचारों को रखा। प्रश्नावली कार्यक्रम के दौरान शोधार्थी संतोष कुमार सहित कई लोगों ने अपने सवाल भी पूछे और लाभान्वित हुए। कार्यक्रम से जुड़े सभी विद्वानों का धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम के संयोजक डॉ. तिवारी ने किया। कार्यक्रम में ऑनलाइन माध्यम से मिथिलेश कुमार सिंह, दीपक कुमार जायसवाल, रामभजन पासवान , संदीप कुमार, सौम्या शालिनी, अंकिता गुप्ता सहित सैकड़ों विद्वानों ने भाग लिया ।


