


छपरा :बिहार के नगर निकाय चुनाव को स्थगित कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली भारतीय जनता पार्टी का पिछड़ा अति पिछड़ा व दलित प्रेम एक छलावा है।भाजपा नही चाहती की बिहार के बहुसंख्यक आबादी के आरक्षित लोगों का किसी सदन में प्रतिनिधित्व हो। नगर निकाय चुनाव करा कर सरकार एक सार्थक कार्य कर रही थी परंतु बीजेपी को सत्ता से जाने की बौखलाहट के कारण खुद पिछले दरवाजे से चुनाव पर रोक लगवाने का काम की।वही अब धरना प्रदर्शन का दिखावा कर दुसरी तरफ अति पिछड़ा प्रेम दिखाने का प्रयास कर रही है। बिहार की जनता इनकी भ्रष्ट और दूषित मानसिकता को समझ चुकी है।उपरोक्त बातें सारण जिला जनता दल यू के मुख्य प्रवक्ता डा दिनेश कुशवाहा ने मंगलवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कही।
उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट का पिछले वर्ष 4 मार्च 2021 को आए आदेश के बाद भाजपा सरकार गुजरात में निकाय चुनाव करा लेती है।तब स्थानीय सांसद जनार्दन सिंह सिग्रिवाल चुप थे।और आज बिहार में नगर निकाय चुनाव पर रोक लगवा के आयोग गठित करने की बात क्यों कह रहें है? सांसद यह भी बताने कि कृपा करें कि 2005 से निरंतर सरकार में रहे व सरकार में रहने के बावजूद इसी नियम के तहत पंचायत और निकाय चुनाव अब तक होते आए तब वो क्यों नहीं आयोग बनवाएं।
डा दिनेश ने कहा कि भाजपा द्वारा छपरा में आयोजित धरना पुरी तरह से फ्लाप और जनता को बरगलाने वाली थी।भाजपा और सांसद के नेतृत्व में आयोजित धरना स्थल पर बीस से अधिक लोग नहीं आ पाए। यह बताता है कि जनता भाजपा से किस तरह कट चुकी है।
मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के नेतृत्व में बिहार तरक्की के राह पर है और इसी आत्मविश्वास के साथ वो पूर्व निर्धारित नियम के तहत निगम चुनाव करा रहे थे।अति पिछड़ों के अधिकार और आरक्षण के लिए सरकार के द्वारा न्यायालय में पुण अपील की गई है।


