Thursday, June 1, 2023
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बिहार के नौजवान जीवन भर इम्तिहान ही देते रहेंगे ?चंदेल

आज दिनांक 11 अप्रैल 2023 को शिक्षक नेता डॉ विश्वजीत सिंह चंदेल ने कहा कि शिक्षक इस सरकार से राज्य कर्मी के दर्जे और समान काम समान वेतन की उम्मीद लगाए बैठे थे लेकिन यह नियमावली शिक्षकों के साथ चुनाव के दौरान किया गया वादा धोखाधड़ी के रूप में सामने आया है, जिसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। राज्य कर्मी बनने का शिक्षकों का सपना सपना ही रह गया और सरकार झटके में शिक्षकों के साथ किए वादे को पैरों तले कुचल डाली है।
”नई नियमावली पूर्व से कार्यरत शिक्षकों के साथ धोखा और टेट /स्टेट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए छलावा है” । पूर्व से कार्यरत शिक्षक सरकार से उम्मीद लगाए बैठे थे कि नई नियमावली के साथ हीं उन्हें राज्य कर्मी का दर्जा मिल जाएगा. सत्तारूढ़ दल द्वारा समान काम समान वेतन और पुरानी पेंशन देने को लेकर जो चुनावी वायदे किये थे उसे पूरा करेगी. लेकिन नई नियमावली से एक नए संवर्ग का जन्म हो गया है। पूर्व से जो 9 हजार से अधिक नियोजन इकाइयां थी, वह पूर्ववत बनी ही रह गई. ऐसे में इस नियमावली से किसी को क्या फायदा होगा ? जो टेट और सी टेट उत्तीर्ण अभ्यर्थी हैं, उन्होंने जब बीएड का एंट्रेंस एग्जाम दिया तब उनका नामांकन बीएड में हुआ. फिर बीएड में उन्होंने दो बार परीक्षा दी. तब जाकर वह बीएड पास किए. बीएड पास करने के बाद टेट और सीटेट जैसी परीक्षा पास कर बहाली की प्रतीक्षा कर रहे थे । अब उन्हें फिर एक नई परीक्षा के दौर से गुजरना पड़ेगा ।
बिहार के नौजवान जीवन भर इम्तिहान ही देते रहेंगे ?
शिक्षक नेता डॉ विश्वजीत सिंह चंदेल ने सरकार से पूछा है कि बिहार के नौजवान जीवन भर इम्तिहान ही देते रहेंगे ? नई नियमावली के साथ ही पूर्व से कार्यरत शिक्षकों को उम्मीद थी कि उनका स्थानांतरण हो जाएगा, लेकिन जब नियोजन इकाई खत्म नहीं हुई तो उनका स्थानांतरण कैसे होगा? मैं इस छलावा नियमावली का पुरजोर विरोध करता हूंँ। इसके लिए सड़क से लेकर न्यायालय तक लड़ाई लड़ा जाएगा।नई नियमावली नई बहाली के लिए लाई गई है जिससे पूर्व से कार्यरत शिक्षकों को कोई लाभ नहीं है। आखिर यह नियमावली केवल पूर्व से कार्यरत शिक्षकों को उनकी औकात बताने के लिए ही लाई गई है। उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को जवाब देना चाहिए कि उन्होंने जो चुनाव में वादा किया था क्या यही उनका वादा था? पूरे बिहार के शिक्षकों से मैं आह्वान करता हूंं कि सड़कों पर उतरें।

भवदीय
डॉ विश्वजीत सिंह चंदेल
शिक्षक नेता छपरा, सारण

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