
एआईएसएफ सारण




आज दिनांक 16 नवंबर,2022 बुधवार को प्रेस दिवस के उपलक्ष में एआईएसएफ सारण जिला सचिव अमित नयन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए इसके ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए बताया, कि प्रथम प्रेस आयोग ने भारत में प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा एवं पत्रकारिता में उच्च आदर्श कायम करने के उद्देश्य से एक प्रेस परिषद की कल्पना की थी। परिणाम स्वरूप 4 जुलाई, 1966 को भारत में प्रेस परिषद की स्थापना की गई, जिसने 16 नवम्बर, 1966 से अपना विधिवत कार्य शुरू किया। तब से लेकर आज तक प्रतिवर्ष 16 नवम्बर को ‘राष्ट्रीय प्रेस दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।’राष्ट्रीय प्रेस दिवस’ पत्रकारों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से स्वयं को फिर से समर्पित करने का अवसर प्रदान करता है।पत्रकारिता का क्षेत्रवर्तमान समय में पत्रकारिता का क्षेत्र व्यापक हो गया है। वही एआईएसएफ के पूर्व छात्र नेता दिलीप वर्मा ने कहा कि पत्रकारिता जन-जन तक सूचनात्मक, शिक्षाप्रद एवं मनोरंजनात्मक संदेश पहुँचाने की कला एवं विधा है। समाचार पत्र एक ऐसी उत्तर पुस्तिका के समान है, जिसके लाखों परीक्षक एवं अनगिनत समीक्षक होते हैं। अन्य माध्यमों के भी परीक्षक एवं समीक्षक उनके लक्षित जनसमूह ही होते हैं। तथ्यपरकता, यथार्थवादिता, संतुलन एवं वस्तुनिष्ठता इसके आधारभूत तत्व है। परंतु इनकी कमियाँ आज पत्रकारिता के क्षेत्र में बहुत बड़ी त्रासदी साबित होने लगी हैं। पत्रकार चाहे प्रशिक्षित हो या गैर प्रशिक्षित, यह सबको पता है कि पत्रकारिता में तथ्यपरकता होनी चाहिए। परंतु तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर, बढ़ा-चढ़ा कर या घटाकर सनसनी बनाने की प्रवृत्ति आज पत्रकारिता में बढ़ने लगी है।
*अमित नयन जिला सचिव एआईएसएफ*
