


नैक से मूल्यांकित होना सभी उच्च शिक्षण संस्थानों के लिये आवश्यक है। इसके बिना महाविद्यालय को सरकार से मिलनेवाले अनेको लाभों से वंचित होना पड़ सकता है। अभी भी बी ग्रेड एवं इससे ऊपर के ग्रेड से मूल्यांकित संस्थानों के विकास हेतु अतिरिक्त सहायता प्रदान की जाती है। नैक उस संस्थान के बारे में विस्तृत जानकारी बताता है जिससे छात्रों को अपनी पसंद के कोर्स में नामांकन लेने में सुविधा होती है। नैक शैक्षिक प्रक्रियाओ और परिणामो, पाठयक्रम कवरेज, शिक्षण अधिगम प्रक्रियाओं, संकाय, अनुसंधान, बुनियादी ढांचा, सीखने के संसाधन, संगठन, शासन, वित्तीय कल्याण से संबंधित अपने प्रदर्शन के संदर्भ में गुणवत्ता के मानको के अनुरूप संस्थानो का मूल्यांकन करता है। राज्य सरकार के माननीय शिक्षा मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी जी नैक और ऐस को लेकर गंभीर है। उच्च शिक्षा के सुधार एवं प्रगति के लिये सभी उच्च संस्थानों का नैक और ऐश होना आवश्यक है। उक्त बातें आज जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा में नैक की कार्यशाला के अवसर पर मुख्य अतिथि राज्य सरकार के शैक्षणिक सलाहकार प्रोफेसर नवीन कुमार अग्रवाल ने कही।
आज दिनांक 31 मार्च 2022 को जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा के अंतर्गत आने वाले सभी अंगीभूत, सम्बद्ध एवं बी o ऐड o महाविद्यालय के प्राचार्यो के साथ विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में माननीय कुलपति प्रोफेसर फारुक अली की अध्यक्षता में एक कार्यशाला का आयोजन नैक और ऐश के लिये आयोनित किया गया था। इसमें विहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद, शिक्षा विभाग ,बिहार सरकार ,पटना के शिक्षा सलाहकार प्रोफेसर एन के अग्रवाल अपनी टीम के साथ प्रशिक्षण के लिए आमंत्रित किए गए थे। टीम में फ्रांसिस पीटर एवं डॉ गौरव सिक्का भी थे।
डॉ अग्रवाल ने नैक और ऐश के बारे विस्तार से चर्चा की। इसके लिए होनेवाली कठिनाइयों के बारे में बताया। अस्थाई मान्यता फ़ॉर कॉलेज के बारे में बताया कि जो महाविद्यालय एकबार भी नैक नही कराया है वो इसमें भाग ले सकता है। जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा के सभी महाविद्यालय के द्वारा ऐश का डाटा एंट्री करने की बधाई देते हुए कहा कि इसी प्रकार ध्यान देकर नैक भी कराया जा सकता है। विश्वविद्यालय द्वारा पहले ही डेटा इंट्री किया जा चुका है।विभिन्न महाविद्यालय के प्रधानाचार्य द्वारा उठाये गए जिज्ञासा का निराकरण किया। फ्रांसिस सी पीटर ने कहा कि डॉ अग्रवाल द्वारा बताए गए सुझाओ पर कार्य कर नैक का कार्य आसानी से किया जा सकता है। डॉ गौरव सिक्का ने पावर प्रेजेंटेशन के माध्यम से अस्थाई मान्यता के बारे में बताया। एक एक विंदु के बारे में उनके उत्तर के बारे में बताया।
माननीय कुलपति महोदय प्रोफेसर फारूक अली ने अपने अध्यक्षीय उद्बोध को जानकरन मे कहा कि राष्ट्रीय मूल्यांकन से अपनी वस्तुस्थिति का पता चलेगा और खामियों को जानकर अपनी संस्था की छवि सुधार सकते हैं।जय प्रकाश विश्वविद्यालय की संस्थाओं मे विगत वर्ष में कुछ का मूल्यांकन हो सकता था।हम पुरानी मूल्यांकन और औपबंधिक मूल्यांकन दोनो व्यवस्थाओं को अपनाकर अपने को अनुदानित संस्थाओं की श्रेणी मे आ सकते हैं।
इस अवसर पर प्रोफेसर हरिश्चंद्र समन्वयक महाविद्यालय विकास परिषद, डॉक्टर राजेश नायक संयुक्त निदेशक आई क्यू ए सी, डॉक्टर सरफराज अहमद नोडल, डॉक्टर धनंजय आजाद आइ टी सेल प्रभारी ,गिरिधर गोपाल सभी प्राचार्य और सभी उनके आई क्यू ए सी के इंचार्ज, डॉक्टर आर पी” बबलू ” कुलसचिव आदि सम्मिलित हुए।
धन्यवाद ज्ञापन सीसीडीसी प्रोफेसर हरिश्चंद्र ने किया।


