


छपरा। बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के आह्वान पर सारण जिला विधिक जागरूकता समिति के तत्वावधान में नालसा वरिष्ठ नागरिकों के लिए सेवा योजना 2016 पर आधारित एक जागरूकता शिविर का आयोजन शहर के दौलतगंज स्थित गाँधी उच्च विद्यालय सह इंटर कॉलेज में किया गया जिसमें पैनल अधिवक्ता डॉ. अमित रंजन ने विषय को विस्तार से रखा।
डॉ. रंजन ने बताया कि वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण उनके पुत्रों का सामाजिक नैतिक और कानूनी दायित्व है यदि ऐसे वरिष्ठ जनों का निरादर, प्रताड़ना, उपेक्षा, परित्याग अगर उनकी संतान द्वारा किया जाता है तो ये कानूनन दण्डनीय अपराध है जिसके तहत तीन साल की सजा और 5000/- रुपये अर्थदण्ड का प्रावधान है। इसके कवल पैनल एडवोकेट ने वरिष्ठ नागरिकों के अधिकार और केन्द्र तथा राज्य सरकार द्वारा दी गई सेवाओं की विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि पूरे विश्व में बुजुर्गों की जनसंख्या का 8 वाँ हिस्सा भारत में रहता है। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के पीठ लिपिक नज़रे इमाम ने बताया कि वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण और उनके अधिकारों के संरक्षण के लिए अनुमंडल पदाधिकारियों के नेतृत्व में ट्रिब्यूनल बनाया गया है जहाँ पीड़ित और प्रताड़ित बुजुर्ग अपने भरण पोषण और अपने अधिकारों की रक्षा के लिए वाद ला सकते हैं। इस ट्रिब्यूनल का अपीलीय प्राधिकार जिला पदाधिकारी हैं।
दोनों वक्ताओं ने नालसा बालसा और डालसा के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए विभिन्न लिंग आयुवर्ग के मुफ्त विधिक सहायता के नालसा की विभिन्न योजनाओं और उनकी पात्रता और उपलब्धता की जानकारी दी।
जागरूकता शिविर में छात्र छात्रा शदफ नाज़, हर्षराज, रुकैया खातून, हर्षित कुमार, अभिषेक कुमार, ममता कुमारी और शिक्षक वीरेन्द्र बिहारी, शैलेश कुमार सिंह, विकास कुमार, देवेन्द्र कुमार सिंह, प्राचार्य सुदर्शन राम और पारा विधिक स्वयं सेवक मुकेश कुमार श्रीवास्तव ने भी अपनी बात विस्तार से रखी।


