
बिहार दिवस पर आयोजित तीन दिवसीय नाट्य महोत्सव का समापन डॉ. जैनेन्द्र दोस्त निर्देशित गबरघिचोर नाटक से होगा.
भिखारी ठाकुर रंगमंडल प्रशिक्षण एवं शोध केंद्र, छपरा के कलाकारों द्वारा भिखारी ठाकुर के इस नाटक का मंचन
दिनांक 24.03.2023 को संध्या 6.30 पटना के प्रसिद्ध प्रेमचंद रंगशाला में किया जायेगा.
नाटक के निर्देशक डॉ. जैनेन्द्र दोस्त ने कहा कि ये यह छपरा के लिए गर्व की बात है.
उन्होंने कहा कि गबरघिचोर नाटक भिखारी ठाकुर के सभी नाटकों में महत्वपूर्ण नाटक है। यह एक सांगितिक नाटक है। नाटक की कहानी भी विस्थापन से जुड़ी समस्या से शुरू होती है। जिसमें विस्थापित पति द्वारा पत्नी को भुला दिए जाने से उत्पन्न समस्या मुख्य है। परंतु सबसे ख़ास बात यह है कि यह नाटक स्त्री को अपने बेटे पर अधिकार की वकालत करता है। यह नाटक पुरुषवादी धारणाओं के ऊपर पर मातृत्वता के पक्ष में खड़ा होता है। इस नाटक में पूर्वांचल क्षेत्र के अनेक नृत्य और गायन शैलियों को जैसे कि जाँघिय नृत्य, पूर्वी गीत, दोहा, चौपाई, विलाप गीत, निर्गुण गीत आदि को शामिल किया गया है।
कला संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार तथा बिहार संगीत नाटक अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में बिहार दिवस के अवसर पर यह तीन दिवसीय नाट्य महोत्सव आयोजित किया गया है.
देश के नामी गिरामी नाटकों के मंचन के बीच छपरा के दल की प्रस्तुति होगी.
इस नाटक के कलाकार सदस्य हैं..
अभिलाषा सिंह – गलीज बहु
सुनिल राव – गलीज
राहुल आर्यन – गबरघिचोर
जैनेन्द्र दोस्त – पंच
नमन मिश्रा – गड़बड़ी
धर्मराज – जल्लाद
मंचन – नर्तक एवं पड़ोसी
बृजनाथ सिंह – नर्तक एवं समजी
रामलखन – फ़रियादि एवं मंच विन्यास
शिव – प्रकाश विन्यास
सरिता साज़ – संगीत विन्यास एवं गायन
सोनल – पड़ोसी एवं समाजी गायन
गौरी शंकर – हरमोनियम वादक
संदीप कुमार – ढ़ोलक वादन
किशोरी राम – झाल वादन
रूप सज्जा – रंजीत भोजपुरिया
अमन सिंह – प्रस्तुति प्रबंधन


