

14 फरवरी , दिल्ली


दिल्ली में चल रहे दो दिवसीय राष्ट्रीय रेडियो महोत्सव यानि द रेडियो फेस्टिवल का सफल समापन 14 फरवरी को हुआ । जिसमें बिहार कम्युनिटी रेडियोज़ को रिप्रेजेंट कर रहे थे छपरा से रेडियो मयूर के संचालक अभिषेक अरुण । एक विशेष पैनल डिस्कशन में अतिथि वक्ता के रूप में बोलते हुए अभिषेक ने अपनी बातें रखीं की कैसे कम्युनिटी रेडियो सरल तरीके से बड़े से बड़े विषयों को अपने समुदाय के बीच रखा है और लोगों का व्यवहार परिवर्तित हुआ है । क्लाइमेट चेंज और कम्युनिटी रेडियो का योगदान विषय पर बोलते हुए अभिषेक ने कहा कि,”हम किताबी स्क्रिप्टेड भाषा का सहारा लेकर काम नहीं करते , वो दिल को नहीं छूता, हम बड़ी बड़ी बातों को स्थानीय तरीके से बताने का प्रयास करते हैं , और फिर समुदाय के व्यवहार में अप्रत्याशित परिवर्तन देखने को मिलता है । जलवायु परिवर्तन एक बहुत बड़ा विषय है उसे आसान तरीके से बताना एक मुश्किल काम है लेकिन हम इस काम को बखूबी अंजाम दे रहे हैं ” ।
देश भर से हर साल लगभग 200 से अधिक प्राइवेट , पब्लिक और कम्युनिटी रेडियो से जुड़े लोगों का जुटान हर 13 -14 फरवरी को दिल्ली में स्मार्ट संस्था द्वारा कराया जाता है और सभी मिलकर एक उत्सव मनाते हैं । इस साल इस आयोजन में सूचना प्रसारण मंत्रालय , प्रसार भारती , आकाशवाणी , जी20 और यूनिसेफ जैसी संस्थाओं का साथ मिला और सबके अधिकारीगण इस आयोजन में मौजूद रहे ।
बिहार से रेडियो मयूर के संचालक अभिषेक अरुण को विशेष रूप से एक पैनल में वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया था जिसमें बिहार में जलवायु परिवर्तन और सामुदायिक रेडियो के काम के अनुभव को उन्होंने साझा किया । सभी ने उनकी बातों को सराहा और नए सामुदायिक रेडियो ने उनसे कई सवाल रखे जो उनके लिए मददगार साबित होंगे ।
