Home Uncategorized जयप्रकाश विश्विद्यालय मे मनाया गया विश्व मधुमेह दिवस ,माननीय कुलपतिमहोदय ने की...

जयप्रकाश विश्विद्यालय मे मनाया गया विश्व मधुमेह दिवस ,माननीय कुलपतिमहोदय ने की अध्यक्षता

0
79


आज विश्व मधुमेह दिवस है। इस अवसर पर प्रोफेसर फारूक अली माननीय कुलपतिमहोदय की अध्यक्षता मे आज भर्चुअल मोड पर विश्व मधुमेह दिवस मनाया गया।कुलपतिमहोदय ने कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा कि प्री डायबिटीज के लक्षण आते ही तुरंत यदि पूरी तरह से ध्यान दे दिया जाए तो डायबिटीज की बहुत सारी परेशानियों से बचा जा सकता है।कुलपति महोदय ने कहा कि डायबिटीज महामारी का रूप ले रही है ।कुलपति महोदय ने कहा कि मधुमेह वीमारी नहीं अपितु चयापचय (मेटाबोलिज्म)की समस्या है,जिसे जीवन शैली एवं श्रम की महत्ता को अपनाकर नियंत्रित किया जा सकता है।
मधुमेह दीमक की तरह शरीर को खोखला कर देता हैकुलपति*इसमे कोई कष्ट नहीं होता है,इसलिए लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं।
कुलपतिमहोदय ने कहा कि नियमित रूप से ब्लड शुगर की जांच कराते रहना चाहिए।
कुलपतिमहोदय ने कहा कि पूर्व डायबिटीज के लक्षण हैं-
1-अकारण वजन कम होना।
2-ज्यादा प्यास लगना।
3-घाव का देर से भरना।
4-रात्रि में कई बार पेशाब करना।
कुलपति महोदय ने कहा कि श्रमेव
जयते के सिद्धांत को अपनाना चाहिए,जिससे शरीर की मांसपेशियां कार्य करती रहेंगी।कुलपति महोदय ने कहा कि अंधाधुंध पाश्चात्य सभ्यता का अंधानुकरण नहीं करना चाहिए। सोच-विचार कर ही पाश्चात्य सभ्यता को अपनाया जाए।
बेविनार का टापिक एक्सेस टू डायबिटीज एजुकेशन पर सभी वक्ताओं ने अपने विचार रखे।डॉक्टर मोहम्मद अख्तर अली ने कहा कि डायबिटीज में मेडिसिन को बराबर लेना चाहिए,और प्रापर डोज मे लेते रहना चाहिए,जो शरीर के अंदर गये भोज्य पदार्थ मे उपलब्ध सुगर को घटा देता है। डॉक्टर मोहम्मद अख्तर ने कहा कि किसी भी प्रकार की फास्टिंग से बचना है नही तो हाइपरग्लाइसीमियां हो जायेगा जिसमें ग्लूकोज की मात्रा बहुत घट जाती है।डॉक्टर प्रमिला पूर्व विभागाध्यक्ष होमसाइंस ने कहा कि थोङा थोङा एवं कई बार भोजन करना चाहिए।
डॉक्टर मोहम्मद सरफराज अहमद ने कहा कि मधुमेह अपने आप में कोई रोग नहीं है,वरन यह सभी रोगों का जन्मदाता है।
वित्त परामर्शी श्री ए के पाठक ने कहा कि सही जीवन शैली अपनाकर इस रोग से बचा जा सकता है।प्रोफेसर हरिश्चंद्र समायोजक महाविद्यालय विकास परिषद सह समन्वयक राष्ट्रीय सेवा योजना ने कहा कि किसी भी प्रकार की फास्टिंग से बचना चाहिए। फास्टिंग के कारण कई बार मधुमेह के रोगियों की मृत्यु तक हो जाती है।
इस अवसर पर डॉक्टर राजेश नायक इतिहास विभाग, डॉक्टर गुलफ्सा,डॉक्टर धनंजय आजाद, डॉक्टर प्रमिला,पूर्व विभागाध्यक्ष होमसाइंस भागलपुर विश्वविद्यालय, एफ ए श्री ए के पाठक सभी प्राचार्य, सभी स्नातकोत्तर विभाग के अध्यक्ष इस बेविनार में सम्मिलित हुए।

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here