
अफसरों को दिए पत्र में उच्च स्तरीय जांच की मुखिया ने की मांग
मांझी प्रखंड के गोबरहि पंचायत का मामला
मांझी। मांझी प्रखंड के गोबरही पंचायत के मुखिया सुनील कुमार सिंह ने डीएम समेत पंचायती राज के मंत्री व प्रधान सचिव और पीएमओ को पत्र भेजकर एक सनसनीखेज आरोप लगाया है। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत पंचायत में चयनित 82 लाभुकों से तत्कालीन ग्रामीण आवास सहायक अमोद कुमार और विकास मित्र के पति के द्वारा प्रति लाभुक 20 हजार रुपये की अवैध वसूली की गई है। मुखिया ने कहा है कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मैं लाभुकों के चयन में भी नियमों की अनदेखी की गई है। मानक के विपरीत पैसे के बल पर लाभुकों का चयन किया गया है। विभागीय 22 बिंदुओं का पालन नहीं किया गया है । मनमाने तरीके से जिस लाभुक के द्वारा पैसे दिए गए उसको आवास योजना का लाभ दे दिया गया है। मुखिया ने पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग की है। मालूम हो कि जिले में यह पहला मामला है जब पंचायत में योजनाओं में लाभुकों के चयन में धांधली व भ्रष्टाचार की शिकायत मुखिया के द्वारा की गई है। गौरतलब हो कि जिस आवास सहायक के बारे में इस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं मामले की जांच की बजाए माझी वीडियो ने बगल के पंचायत में उनका स्थानांतरण आनन-फानन में कर दिया है। उधर, आवास सहायक का कहना है कि पूरी तरह से आरोप बेबुनियाद है। जबकि विकास मित्र के पति का कहना है कि आवास योजना के लाभुकों के चयन में उनकी भूमिका नहीं है।


