Saturday, September 23, 2023
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आज दूसरे दिन भी पी जीआर सी की बैठक सीनेट हॉल में वीसी के अध्यक्षता में हुई

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सारण छपराः जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर फारूक अली की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में पी जी आर सी की बैठक बुलाई गई।आज सामाजिक विज्ञान और वाणिज्य संकाय के विषय की बैठक बुलाई गई।इस बैठक में सामाजिक विज्ञान संकाय के संकायाध्यक्ष प्रोफेसरअनिल कुमार सिंह और वाणिज्य विभाग के संकायाध्यक्ष प्रोफेसर लक्ष्मण सिंह एवं प्रोफेसर कमल जी जो कि परीक्षा नियंत्रक भी हैं कुलपति के साथ डायस पर मौजूद थे। वाणिज्य के अध्यक्ष प्रोफेसर हरेंद्र सिंह,अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर एस के गुप्ता, राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर विभु कुमार, इतिहास विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर सैयद रजा, भूगोल विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर ऊषा सिंह, मनोविज्ञान विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर पूनम सिंह, होमसाइंस विभाग की अध्यक्षा प्रोफेसर मंजू सिंहा,एवं विश्वविद्यालय के सम्बद्ध विभाग के सभी प्रोफेसर मौजूद थे।
वाणिज्य विभाग में कुल 28 शोध प्रस्ताव आये।
अर्थशास्त्र विभाग में कुल 33 प्रस्ताव आये और 4 अवधि विस्तार के लिए आया सबको पास किया गया।*
इतिहास विभाग में कुल 43 शोध प्रस्ताव आये और सबको अनुमोदित किया गया। 5 प्रस्ताव अवधिविस्तार के लिए आया और सबको अनुमोदित किया गया।
राजनीति विज्ञान विभाग में कुल 62 शोध प्रस्ताव आये और सबको अनुमोदित किया गया।कुल 8 अवधि विस्तार को स्वीकृति दी गई। 2 गाइड परिवर्तन का प्रस्ताव था जिसे स्वीकृति दी गई। भूगोल विभाग में कुल 20 प्रस्ताव आये और सबको अनुमोदित किया गया। अवधि विस्तार के लिए 11 आया जिसे अनुमोदित कर दिया गया।
मनोविज्ञान विभाग में कुल 54 प्रस्ताव आये और सभी अनुमोदित किये गये। होमसाइंस विभाग में कुल 14 शोध प्रस्ताव आये और सभी को अनुमोदित किया गया। *अध्यक्षता प्रोफेसर फारूक अली कुलपति ने किया और संचालन प्रोफेसर कमलजी परीक्षानियंत्रक ने किया **धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर धनंजय कुमार आजाद असिस्टेंट परीक्षानियंत्रक ने दिया। राजेंद्र महाविद्यालय के इतिहास विभाग के प्रोफेसर नागेंद्र कुमार वर्मा ने एक आपत्ति उठाया कि विभाग की गवेषणा परिषद में महाविद्यालय के प्रोफेसर को भी सम्मिलित किया जाए। कुलपति ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज शायद ये हमारी आपसे अंतिम मुलाकात हो। कुलपति ने कहा कि हम स्थानीय मुद्दों पर क्यों नहीं बात करते हैं,क्यों नहीं हम स्थानीय मुद्दों पर रिसर्च नहीं करते हैं।

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