Tuesday, December 5, 2023
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अकीदत के साथ याद किए गए प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद

जोश व खरोश से मनाया गया राष्ट्रीय शिक्षा दिवस

छपरा
मौलाना अबुल कलाम आजाद सच्चे राष्ट्रवादी और दूरगामी सोच रखने वाले व्यक्ति थे. उन्होंने स्वतंत्र भारत के शिक्षा तंत्र की बुनियाद रख कर देश को आधुनिक शिक्षा की तरफ अग्रसर किया. उक्त बातें अपर समाहर्ता सह लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी संजय कुमार ने नबीगंज अवस्थित अल्पसंख्यक छात्रावास में आयोजित मौलाना अबुल कलाम आजाद के जयंती समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कहीं. उन्होंने कहा कि शिक्षा के महत्व को समझना और राष्ट्रीयता की भावना को मजबूती प्रदान करना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी. सभा को विशिष्ट अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए जिला आपूर्ति पदाधिकारी कमरे आलम ने कहा कि मौलाना आजाद बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे. उन्होंने पाकिस्तान के निर्माण को अंतिम समय तक मान्यता नहीं दी. भारत की आजादी के संघर्ष, हिन्दू-मुस्लिम एकता को स्थापित करने और आधुनिक व शिक्षित भारत के निर्माण में उनके योगदान को भुलाना नामुमकिन है. वर्तमान शिक्षा का अधिकार कानून का आधार उनकी ही परिकल्पना पर आधारित है. उप निर्वाचन पदाधिकारी जावेद एकबाल ने उनकी जीवनी पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि कम ही लोगों को जानकारी है कि वे देश के प्रथम शिक्षा मंत्री होने के साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री भी थे. देश को आईआईटी, आईआईएम, सीएसआईआर, साहित्य अकादमी, ललित कला अकादमी, संगीत-नाटक अकादमी जैसी संस्था देने वाले मौलाना एक पत्रकार, लेखक और चिंतक के साथ बेह्तरीन वक्ता और संगठनकर्ता थे. उन्होंने धर्मनिरपेक्ष भारत की स्थापना में अपना बहुमूल्य योगदान दिया. उन्होंने छात्रों को उनके व्यक्तित्व को समझते हुए उनके बताए राह पर चलने का आह्वान किया. अतिथियों का स्वागत जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी रजनीश कुमार राय ने करते हुए बताया कि उनके प्रयास से विभाग ने प्रत्येक वर्ष हर जिला में इस आयोजन को करने की मान्यता दी है. उन्होंने कहा कि ऐसी महान विभूतियों पर चर्चा से छात्रों के ज्ञान में जहां इजाफा होगा. उन्हें प्रेरणा मिलेगी जो उन्हें सफलता की तरफ अग्रसर करेगी. मौके पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. जिसमें आधा दर्जन से अधिक छात्रों ने भाग लिया. जिनमें अजमेरुल अंसारी को प्रथम, मो फैज को द्वितीय और शाहरुख हुसैन को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया. पूर्व में मौलाना के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया. अतिथियों ने छात्रावास के कैंपस में वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दिया. पूर्व में अतिथियों का स्वागत होस्टल के भू-दानदाता अख्तर हसन जमाल ने किया. आयोजन में जिला अवकाफ कमेटी के अध्यक्ष अशरफ खान, प्रधान लिपिक मदन ठाकुर, लिपिक अबुल जैस ने सहयोग किया. जबकि असजद रजा, मीर मासूम, मो अल्लाउद्दीन, मो सैनुद्दीन, शाहिद निजाम, जाहिर हुसैन, वकार यूनुस, मो सहगीर आदि उपस्थित थे.

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